-ज्ञानदत्त पाण्डेय
हिन्दी सेवा का भ्रम नहीं पालना चाहता समीरलाल के बरगलाने से...सत्यनारायण की कथा का कण्टेण्ट आज तक पता न चल पाया..इन कथाओं को सुनने जाने वाले अपनी छुद्र पंचायतगिरी में मशगूल रहते हैं...बड़ी थू-थू में-में हो रही हिन्दी ब्लॉगरी में... व्यक्तिगत आक्षेप ब्लॉग साहित्य का अंग बन गया...मैं तो हिन्दी सेवा की चक्करबाजी में नहीं पड़ता/लिखता...बहुत प्रसन्नता होगी जब लोग हिन्दी ब्लॉगरी को गुटबाजी, चिरकुटत्व, कोंडकेत्व आदि से मुक्त करने के लिये टिप्पणी-अभियान करें...सड़क किनारे के सार्वजनिक मूत्रालय सा...लोग अपनी दमित वर्जनायें रिलीज कर रहे हैं और कोई मुन्सीपाल्टी नहीं जो सफाई करे मूत्रालय की...
-ज्ञानदत्त पाण्डेय
संदर्भ: मानसिक हलचल
लिंक: http://halchal.gyandutt.com/2010/01/blog-post_03.html
Friday, May 14, 2010
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5 comments:
उनके कुलाबे दुखद हैं । कभी कभी तो लगता है कि, स्वयँ भ्रम ने ही आदरणीय गुरुदेव को पाल लिया है ।
गंदगी की जड़ में केवल और केवल ज्ञानदद और अनुप शुक्ला ही है.इन्हें निकाल बाहर करो और फिर देखो हिन्दी ब्लागिंग कैसे चलती है.और जो कोई भी इनकी चमचाई करने आए उनको भी साले को दो लात लगाओ तब समझ में आएगा
तमाशा बना रखा है ....... दो ने.
मियां आप तो कह रहे थे कि ब्लोगवाणी ने आपको बे्दखली दे दी है , मगर आप तो अभी भी उंगल किए जा रहे हो , मजे से ।
आपका नाम हमने उंगली वाला ब्लोग रखा हुआ है ।
कौन है श्रेष्ठ ब्लागरिन
पुरूषों की कैटेगिरी में श्रेष्ठ ब्लागर का चयन हो चुका है। हालांकि अनूप शुक्ला पैनल यह मानने को तैयार ही नहीं था कि उनका सुपड़ा साफ हो चुका है लेकिन फिर भी देशभर के ब्लागरों ने एकमत से जिसे श्रेष्ठ ब्लागर घोषित किया है वह है- समीरलाल समीर। चुनाव अधिकारी थे ज्ञानदत्त पांडे। श्री पांडे पर काफी गंभीर आरोप लगे फलस्वरूप वे समीरलाल समीर को प्रमाण पत्र दिए बगैर अज्ञातवाश में चले गए हैं। अब श्रेष्ठ ब्लागरिन का चुनाव होना है। आपको पांच विकल्प दिए जा रहे हैं। कृपया अपनी पसन्द के हिसाब से इनका चयन करें। महिला वोटरों को सबसे पहले वोट डालने का अवसर मिलेगा। पुरूष वोटर भी अपने कीमती मत का उपयोग कर सकेंगे.
1-फिरदौस
2- रचना
3 वंदना
4. संगीता पुरी
5.अल्पना वर्मा
6 शैल मंजूषा
मौन सबसे बड़ा शस्त्र होता है!
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