-अलबेला खत्री
हमारी भूल ये है कि हम रचना के पीछे दौड़ते हैं, रचना को अपना बनाना चाहते हैं ये जानते हुए भी कि ये रचना आज तक न किसी एक की हुई है और न ही आगे भी होने वाली है
- अलबेला खत्री
सन्दर्भ: धर्म और अध्यात्म के आलोक स्तम्भ
लिंक: http://khatrialbela.blogspot.com/2010/11/blog-post_24.html
No comments:
Post a Comment