Saturday, November 27, 2010

इस रचना से छेड़छाड़ करना मूर्खता है...

बाँध कर रखा नहीं जा सकता है... नारी ... की एक बेहतरीन रचना है और इस रचना से छेड़छाड़ करना मूर्खता है.

सन्दर्भ: काव्य मंजूषा
लिंक: http://swapnamanjusha.blogspot.com/2010/11/blog-post_15.html