- ज्ञानदत्त पाण्डेय Gyandutt Pandey
कल एक टिप्पणी मिली अमैच्योर रेडियो के प्रयोगधर्मी सज्जन श्री बी एस पाबला की। मैं उनकी टिप्पणी को बहुत वैल्यू देता हूं, चूंकि, वे (टिप्पणी के अनुसार) एक जुनूनी व्यक्ति लगते हैं ...
मैं पाबला जी को मैच नहीं कर सकता ... उनके ब्लॉग का नाम है – जिन्दगी के मेले...
- ज्ञानदत्त पाण्डेय Gyandutt Pandey
संदर्भ: मानसिक हलचल
लिंक: http://halchal.gyandutt.com/2008/11/blog-post_18.html
1 comment:
यह टैम टैम की बात है, दिलवर... बस टैम टैम की बात !
सँगीता बहन इसका कोई टिप्पणी योग बता दें, तो भी चलेगा ।
मुलायम अमर भले ही न बनें, अमर भी मुलायम पड़ने वाले नहीं !
क्या समझे, दिलवर ? यह सब टैम टैम की बात है, जिसकूँ ग्रहदशा बोलते हैं दिलवर, ग्रहदशा !
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