Sunday, April 18, 2010

अनूप को बताना चाहिये कि किस विश्विद्यालय से उन्होने हिन्दी मे शिक्षा ली हैं... वो ब्लॉग जगत से क्षमा मांगे


किसी की हिन्दी कृतियों का मूल्यांकन करने के लिये हिन्दी भाषा मे कोई ना कोई उपाधि जरुर होनी चाहिये ... अनूप शुक्ल के लिये कोई भी ब्लॉगर चहेता हो सकता हैं पर क्या अनूप शुक्ल के पास हिन्दी मे वो योग्यता हैं की वो जितनो को पढ़ते हैं उनको ... सके की कौन मौलिक लेखन करता हैं। अगर हैं तो ... अनूप को बताना चाहिये की किस विश्विद्यालय से उन्होने हिन्दी मे शिक्षा ली हैं ... अगर ली हैं तो बताये मे उन से क्षमा मांगूगी और नहीं ली हैं तो वो ब्लॉग जगत से क्षमा मांगे ... इतना मुस्किल क्यूँ है

संदर्भ: चिट्ठाचर्चा
लिंक: http://chitthacharcha.blogspot.com/2009/09/blog-post_17.html

2 comments:

Randhir Singh Suman said...

nice...................................................................

अनुनाद सिंह said...

उपाधि सबसे बड़ा धोखा है। महान लोगों ने काम किया है किन्तु उनके पास उपधियाँ नहीं थीं। बड़े-ब,दे साहित्यकार किसी विश्वविद्यालय से नहीं निकले। बड़े-बड़े वैज्ञानिक पाँचवीं पास नहीं थे। कुछ महान उद्यमी ऐसे हुए हैं जिन्होने स्कूल का मुँह नहीं देखा। ऐसे भी योद्धा और सेनापति हुए हैं जिन्होने किसी मिलिटरी अकादमी में प्रशिक्षण नहीं लिया। पढ़ किसान ऐसे-ऐसे कारनामे कर लेते हैं जो बड़े-बड़े 'कृषि-वैज्ञानिक' नहीं कर सकते।