Saturday, April 10, 2010

ललित शर्मा मुझे तुम्हारे षडयंत्र से नफ़रत है, अपने साथियों को बता देना मैंने उन्हें पहचान लिया है


तुम लाख दुहाई दो... अवसर आ गया है कि इस बारे मे कुछ कहा जाये... ललित बहुत दिनो से सोच रहा था था कि तुमसे कुछ कहूं...तुम्हारे आपस के झगड़े ने ने छत्तीसगढ मे ब्लागरों को दो गुटों मे बांत दिया है।...तुम्हारी चर्चा का पैमाना बता देता है की तुम लोगों का हिडन एजेंडा क्या है?... बहुत दिनो से देख रहा हूं तुम लोगों का घिनौना खेल...एक दूसरे की पी्ठ थपथपाओ बस्...ऐसी ही घटिया हरकतें ब्लाग जगत को कम्ज़ोर कर रही हैं...दम है तो इस टिपण्णी को पब्लिश्ज करके दिखाना... मुझे तुमहारे षड़यंत्र से नफ़रत है...अपने साथियों को भी बता देना मैने उन्हे पहचान लिया है

- अनिल पुसदकर

संदर्भ: चर्चा हिन्दी चिट्ठों की
लिंक: http://anand.pankajit.com/2010/04/blog-post_07.html

12 comments:

Udan Tashtari said...

बहुत दिन बाद जागे भाई!! :) मगर मौके पर!!

पी.सी.गोदियाल "परचेत" said...

शर्मा जी ये क्या सुन रहा हूँ मैं ?

भारतीय नागरिक - Indian Citizen said...

कृपया लिखते रहें...

Anonymous said...

anil pusadakar se ye umeed nahin thi. ye to saraasar kisi kii chamachaagiri kar rahe hain, bechare anil ne chattisdarh ke kaii bloggeron kii peeth mein chhuraa bhonkaa hai. ye patrkar hote hii aise hain. in par vishavas karana bhi nahin chaahiye. jarur kahin mithayee bantee jaa rahi hogee

बसंती said...

आदरणिया अनिल पुसदकर जी ऐस कह ही नहीं सकते।यह पका किसी ने शरारत की है। अगर पुसदकर जी खुद यहां आ कर स्वीकार करें कि वे ऐसा कमेंट किये हैं तो मैं मान लूंगा कि ऐसे ओछे विचार उन्हीं के हैं

Unknown said...

मामला क्या है भाई

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

दुर्भाग्यपूर्ण निर्णय!
मुकाबला तो करना चाहिए था!

Pt. D.K. Sharma "Vatsa" said...

मामला तो कुछ समझ में नहीं आया...लेकिन फिर भी जो हुआ, बुरा हुआ।

अविनाश वाचस्पति said...

किस्‍सा समझ नहीं आ रहा हे।

Podcaster said...

भाई
आप भी पोडकास्ट इन्टरव्यू के लिये आमंत्रित हैं

Khushdeep Sehgal said...

ललित भाई के प्रकरण में प्रयास जारी हैं...अभी कुछ नहीं कह सकता...लेकिन हो सकता है आपको जल्दी ही अच्छी खबर मिले...

जय हिंद...

SACCHAI said...

किस्‍सा समझ नहीं आ रहा हे।

---- eksacchai { AAWAZ }

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