अब क्या रचना सिंह इतना नृशंस हो जायेगीं कि आपके चरित्र पर भी …. उनसे तो डरता मैं भी हूँ ... प्रणम्य भूमिका में वे हैं इसलिए मुझे प्रिय हैं... मोहतरमा... हिन्दी नारी शक्ति की उद्धत प्रतीक हैं ! ... आपके पोस्ट पर उनके बारे में यह सब लिख कर मं खतरा मोल ले रहा हूँ ... इसका निपटारा इसी ब्लॉग... में होना चाहिए...दुहाई है!... आपकी टिप्पणियो में नैतिकता का पतन सॉफ झलकता है.. आप अपनी पर्सनल सेटिसफ़ेक्शन के लिए कहा से कहा पहुँच गये...
इस पोस्ट का क्या मकसद हैं.... आप के साईट का बहिष्कार करने का निश्चय कर चुकी... एक नारी विरोधी साईट जिसको भारतीये बहु बेटियाँ ना ही पढे तो बेहतर होगा...
... कोई जैसा था वैसा ही बना हुआ... भगवान की रचना शक्ति भी अद्भुत...
संदर्भ: सारथी
लिंक: http://sarathi.info/archives/1899
5 comments:
नारी ब्लॉग की रचना नामक म(हिला) एक अत्यंत ही पुरुष विरोधी मानसिकता की शिकार अंत्यंत ही संकुचित विचारधारा की महिला है जिसका दिमाग मुझे लगता है हिला हुआ है, मैं इतने कठोर शब्द इसलिए इस्तेमाल कर रहा हूँ क्यूंकि यह मेरे नाम से ही इसके अंतर्मन और इसकी रूह काँप जाती है, मैं चैलेंजे के साथ यह कहने से कतई गुरेज़ नहीं करता कि सिर्फ मैं ही हूँ जिसने इसको चारो खाने चित कर दिया. नारी ब्लॉग पर एक मेरी कोई टिपण्णी प्रकाशित न करना और उसे तुरंत डिलीट कर देना यह कौन सी मानसिकता का परिचायक है, अगर आप इतनी ही नारी सशक्तिकरण की हिमायती है तो कम से कम उसका जवाब तो देने की क़ुव्वत रखें.... आपको बस टिपण्णी जो अच्छी लगेगी उसे रखा बकिया डिलीट कर दिया... राचन जी ने मुझसे एक एक पोस्ट के ज़रिये कुछ सवाल पूछा था जिसका जवाब देते देते मैं थक गया वजह क्या थी कि वह उस टिपण्णी को डिलीट कर देती थी जो उसके सवाल का जवाब था; मेरे एक शुभ चिन्तक से रहा नहीं गया तो उसने उसको जवाब दिया तब जा कर उसने अपना प्रोफाइल ही अदृश्य कर दिया और नारी ब्लॉग पर मोडरेशन ही लगा दिया.......... क्यूँ भाई अगर आप ब्लॉग लिख रहे हो तो कम से कम उसका जवाब तो दो ही जिसको छेड़ दिया हो तुमने.... या ये कि बस आपने तो कह दिया अब अगले को कहने का कोई हक़ नहीं...
ख़ैर, मैंने भी उन्हें मुआफ़ कर दिया और ईश्वर से यह प्रार्थना की कि हे ईश्वर इसको और इस जैसी और भी पश्चिमीकृत मानसिकता की ग़ुलाम नारियों को सद्बुद्धि दे जो अपने नारीत्व की रक्षा करने के बजाये उसे बेचने में यकीन रखती हों... अथवा 'मेरी मर्ज़ी' की आड़ में न जाने क्या क्या करे और दोष दें पुरुष को.................
सलीम ख़ान
नारी ब्लॉग की रचना नामक म(हिला) एक अत्यंत ही पुरुष विरोधी मानसिकता की शिकार अंत्यंत ही संकुचित विचारधारा की महिला है जिसका दिमाग मुझे लगता है हिला हुआ है, मैं इतने कठोर शब्द इसलिए इस्तेमाल कर रहा हूँ क्यूंकि यह मेरे नाम से ही इसके अंतर्मन और इसकी रूह काँप जाती है, मैं चैलेंजे के साथ यह कहने से कतई गुरेज़ नहीं करता कि सिर्फ मैं ही हूँ जिसने इसको चारो खाने चित कर दिया. नारी ब्लॉग पर एक मेरी कोई टिपण्णी प्रकाशित न करना और उसे तुरंत डिलीट कर देना यह कौन सी मानसिकता का परिचायक है, अगर आप इतनी ही नारी सशक्तिकरण की हिमायती है तो कम से कम उसका जवाब तो देने की क़ुव्वत रखें.... आपको बस टिपण्णी जो अच्छी लगेगी उसे रखा बकिया डिलीट कर दिया... राचन जी ने मुझसे एक एक पोस्ट के ज़रिये कुछ सवाल पूछा था जिसका जवाब देते देते मैं थक गया वजह क्या थी कि वह उस टिपण्णी को डिलीट कर देती थी जो उसके सवाल का जवाब था; मेरे एक शुभ चिन्तक से रहा नहीं गया तो उसने उसको जवाब दिया तब जा कर उसने अपना प्रोफाइल ही अदृश्य कर दिया और नारी ब्लॉग पर मोडरेशन ही लगा दिया.......... क्यूँ भाई अगर आप ब्लॉग लिख रहे हो तो कम से कम उसका जवाब तो दो ही जिसको छेड़ दिया हो तुमने.... या ये कि बस आपने तो कह दिया अब अगले को कहने का कोई हक़ नहीं...
ख़ैर, मैंने भी उन्हें मुआफ़ कर दिया और ईश्वर से यह प्रार्थना की कि हे ईश्वर इसको और इस जैसी और भी पश्चिमीकृत मानसिकता की ग़ुलाम नारियों को सद्बुद्धि दे जो अपने नारीत्व की रक्षा करने के बजाये उसे बेचने में यकीन रखती हों... अथवा 'मेरी मर्ज़ी' की आड़ में न जाने क्या क्या करे और दोष दें पुरुष को.................
सलीम ख़ान
नारी ब्लॉग की रचना नामक म(हिला) एक अत्यंत ही पुरुष विरोधी मानसिकता की शिकार अंत्यंत ही संकुचित विचारधारा की महिला है जिसका दिमाग मुझे लगता है हिला हुआ है, मैं इतने कठोर शब्द इसलिए इस्तेमाल कर रहा हूँ क्यूंकि यह मेरे नाम से ही इसके अंतर्मन और इसकी रूह काँप जाती है, मैं चैलेंजे के साथ यह कहने से कतई गुरेज़ नहीं करता कि सिर्फ मैं ही हूँ जिसने इसको चारो खाने चित कर दिया. नारी ब्लॉग पर एक मेरी कोई टिपण्णी प्रकाशित न करना और उसे तुरंत डिलीट कर देना यह कौन सी मानसिकता का परिचायक है, अगर आप इतनी ही नारी सशक्तिकरण की हिमायती है तो कम से कम उसका जवाब तो देने की क़ुव्वत रखें.... आपको बस टिपण्णी जो अच्छी लगेगी उसे रखा बकिया डिलीट कर दिया... राचन जी ने मुझसे एक एक पोस्ट के ज़रिये कुछ सवाल पूछा था जिसका जवाब देते देते मैं थक गया वजह क्या थी कि वह उस टिपण्णी को डिलीट कर देती थी जो उसके सवाल का जवाब था; मेरे एक शुभ चिन्तक से रहा नहीं गया तो उसने उसको जवाब दिया तब जा कर उसने अपना प्रोफाइल ही अदृश्य कर दिया और नारी ब्लॉग पर मोडरेशन ही लगा दिया.......... क्यूँ भाई अगर आप ब्लॉग लिख रहे हो तो कम से कम उसका जवाब तो दो ही जिसको छेड़ दिया हो तुमने.... या ये कि बस आपने तो कह दिया अब अगले को कहने का कोई हक़ नहीं...
ख़ैर, मैंने भी उन्हें मुआफ़ कर दिया और ईश्वर से यह प्रार्थना की कि हे ईश्वर इसको और इस जैसी और भी पश्चिमीकृत मानसिकता की ग़ुलाम नारियों को सद्बुद्धि दे जो अपने नारीत्व की रक्षा करने के बजाये उसे बेचने में यकीन रखती हों... अथवा 'मेरी मर्ज़ी' की आड़ में न जाने क्या क्या करे और दोष दें पुरुष को.................
सलीम ख़ान
bahut sahi saleem bhai
ab ye blog bhi femous ho jayega super femous
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