Friday, February 12, 2010

अब तक की सफलतम ब्लॉगर-मीट (विस्तृत रिपोर्ट)



दिल्ली में आयोजित हिन्दी-ब्लॉग मीट अब तक की सबसे बड़ी और सफल मीट रही। कुल 30 लोग शरीक़ हुए। यद्यपि ...उनके पास किसी भी ब्लॉगर का मोबाइल नं॰ और आयोजन-स्थल की सही जानकारी नहीं थी। ...बाहर अपनी गाड़ी में वो दोपहर 12 बजे तक इंतज़ार करती रहीं।
रचना जी ...के अनुसार सारथी हिन्दी का अधिकतम सूचना देने वाला ब्लॉग है। यदि आप वहाँ छप गये तो हिट हो जायेंगे।

संदर्भ: हिद युग्म
लिंक: http://kavita.hindyugm.com/2007/07/blog-post_15.html

9 comments:

Sanjeet Tripathi said...

भाई साहब, मुझे पता नहीं आप कौन है पर एक सवाल।
क्या आपको गड़े मुर्दे उखाड़ने में मजा आता है?

अविनाश वाचस्पति said...

@ संजीत त्रिपाठी

वे मुर्दे गाड़े भी इन्‍होंने ही थे
बल्कि वे मुर्दे ये खुद ही हैं
अब इतना समय हो गया है
कब्र में इनको
कि इनका पुनर्जन्‍म हो गया है
ये उसी में मग्‍न हैं


पर ये अपने विचारों को
मुर्दा बनाने में रखते हैं यकीं
ये खुद मुर्दे हैं
इसलिए इन्‍हें मुर्दे ही लगते हैं हसीं
मुर्दे हैं गुर्दे इनके काम करते नहीं
इससे अधिक ये
और कुछ कर सकते नहीं।

इन्‍हें माफ कर दो संजीत
आप तो त्रिपाठी हैं
एक पाठ इनका भी
अप्रूव कर दो।

Anonymous said...

बाप रे उस 2007 के जमाने में भी कहा जाता था कि मिलने-जुलने से ब्लागरों की आपसी आभासी गलतपहमियां दूर होंगी और हिंदी की सेवा के लिये दस नये एगरिगेटर आने चाहिये
हमने तो सोचा था यहां भूत मिलेंगे लेकिन सब कुछ वैसा ही है जैसा आज का माहोल हो

अजय कुमार झा said...

आयं ये क्या ....लो कल्लो बात आज जो ये कहते फ़िर रहे हैं कि ब्लोग्गर मीट करके कुछ कायर लोग गुट बना रहे हैं ....गोया मामला ये कि वे खुद पहले ही इस गुटबाजी और कायरता का लुत्फ़ उठा चुके हैं ....नारायण ....नारायाण ....
अजय कुमार झा

Anonymous said...

ओह! मौज़ लेने का यह भी एक अंदाज़ है :-)

Unknown said...

achha likha hai sir...

www.mydunali.blogspot.com

Arshad Ali said...

कुच्छो समझ में नहीं आया
पोस्ट तो अन्य पोस्ट के जैसा लगा
जिसमे कोई न कोई ब्ल्लोगेर्स मिट की बातें लिखता है.
मगर टिपण्णी में मुर्दा आदि पढ़ कर लगा की आपने आज़ादी से पहले की कोई बात लिख दी है क्या?
मै तो एक नया सदस्य हूँ और शायद आप भी अतः
हम दोनों मित्र हुए इसी नाते से आपको FOLLOW
करने का निर्णय लिया हूँ.आपको आगे पढ़ने की इच्छा है.

kshama said...

Samajhme to nahi aaya...haan, blogjagat me swagat hai!

shama said...

Kya kahen??