Wednesday, January 13, 2010

मैंने अनूप जी के उकसावे पर पोस्ट लिखी, वे मौज लेने के लिये अकसर ये कार्य करते रहते है, सो आ गया उनके उकसावे मे ...

- अरूण (पंगेबाज़)

... मैने एक पोस्ट लिखी थी अनूप जी के उकसावे पर , वैसे मै खुद मानता और जानता हू अनूप जी मौज लेने के लिये अकसर ये कार्य करते रहते है . लेकिन मै भी हु तो इन्सान ही ना गलती ना चाहते हुये भी हो जाती है . सो गया उनके उकसावे मे और लिख डाली थी पोस्ट ....

... मै उम्मीद करता हू कि दिनेश जी आगे भी मेरा और बाकी ब्लोगर्स साथियो का इसी प्रकार मार्ग दर्शन करते रहेंगे . मुझे एंव अन्य को भी लगातार इस बारे मे राय देते रहेगे . ताकी हम सब भी किसी सिरफिरा वकील द्वारा मीडिया में सुर्खियाँ प्राप्त करने के चक्कर में हम मे से किसी के भी विरुद्ध देश की किसी भी अदालत में फौजदारी मुकदमा इत्यादी डाल कर उसे परेशान ना कर सके ...

- अरूण (पंगेबाज़)

संदर्भ: वेबजोश
लिंक: (बहुत लम्बी लिंक है - यहाँ क्लिक करें) -दिखाई गई लिंक कभी कभी बहुत देर से खुलती है।अस्थाई तौर पर चिट्ठाजगत डोट कॉम का यह लिंक देखा जा सकता है

1 comment:

Admin said...

यह तो आपकी पुरानी आदत है...