tag:blogger.com,1999:blog-218153659820469932.post6971251615309875309..comments2023-05-11T17:17:56.317+05:30Comments on उसने कहा था: मैनें ब्लॉगर से अपने दस ब्लॉग मिटा दिये हैं, साँझे ब्लॉगों से अपनी सदस्यता समाप्त कर दी है नमस्ते गूगलप्रदीप वर्माhttp://www.blogger.com/profile/03398153002735698967noreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-218153659820469932.post-35886369325446430702010-01-18T10:30:16.740+05:302010-01-18T10:30:16.740+05:30आपकी पोस्ट ने मुझे कतई आहत नहीं किया है, न ही आपके...आपकी पोस्ट ने मुझे कतई आहत नहीं किया है, न ही आपके प्रयास को मैं पोल खोल मान रहा हूँ. लोग या फिर आप मेरे बारे में क्या सोचते है (जो सही भी हो सकता है और गलत भी) यह पता तो चलना चाहिए. ताकि जहाँ जरूरी हो सुधारा जा सके और जहाँ स्पष्टीकरण की आवश्यकता हो बात साफ की जा सके. <br /><br />क्या मैं कह सकता हूँ, लगे रहो मुन्ना भाई ? :)संजय बेंगाणीhttps://www.blogger.com/profile/07302297507492945366noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-218153659820469932.post-85223287781640473902010-01-18T00:02:36.007+05:302010-01-18T00:02:36.007+05:30@ प्रदीप वर्मा
आपके ब्लॉग पोस्ट को देखने के बाद ज...@ प्रदीप वर्मा<br /><br />आपके ब्लॉग पोस्ट को देखने के बाद जो मेरी प्रथम प्रतिक्रिया थी वो मैंने कमेन्ट किया...<br />मुझे आपसे तर्क वितर्क (या कुतर्क) में कोई दिलचस्पी नहीं है. आपके प्रोफाइल पृष्ट पर न तो आपका इमेल अंकित है और न ही आपका परिचय. आपका ब्लॉग भी नया मालूम पड़ता है... हो सकता है आप पाठकों का ध्यान maatr आकर्षित करने के लिए ही ऐसे पोस्ट ऐसे शीर्षक बना रहे हैं...(अगर आपको लगता है की मैंने फिर कोई आरोप लगाया है तो क्षमा करेंगे) <br /><br />आप में लेखन कौशल है, आप जागरूक हैं तो क्यों न हिंदी ब्लॉग सेवा में कुछ अच्छे ज्ञानवर्धक और रोचक प्रस्तुति किया जाए... तब मुझे नियमित आने में ख़ुशी होगी...Sulabh Jaiswal "सुलभ"https://www.blogger.com/profile/11845899435736520995noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-218153659820469932.post-77428587485714719332010-01-17T19:49:34.638+05:302010-01-17T19:49:34.638+05:30@ सुलभ सतरंगी
आपका कहना है कि यह ब्लॉग व्यक्तिगत आ...@ सुलभ सतरंगी<br />आपका कहना है कि यह ब्लॉग व्यक्तिगत आलोचना के लिए बनाया है..<br />आपका आरोप गलत है<br />आपका कहना है कि किस किस की पोल खोलेंगे आप...<br />क्या आप मानते हैं कि इससे किसी की पोल खुल रही है? <br />आप कहते हैं अधिकाँश विचार और पोस्ट सामयिक होते हैं.. उनका अर्थ सिद्ध हो जाने के बाद कोई ख़ास महत्व नहीं रह जाता है...<br />तो क्या ऐतिहासिक इमारतें,साहैत्यकारों की कृतियां,कहावतें,सम्ग्रहालय,किताबों से सूखे फूल,संस्कार,पुराने गीत नषट कर दिये जाने चाहिये कि उनकी अब जरूरत नहीं इस नये जमाने में?प्रदीप वर्माhttps://www.blogger.com/profile/03398153002735698967noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-218153659820469932.post-44070851814242588182010-01-17T19:07:57.231+05:302010-01-17T19:07:57.231+05:30Blog: उसने कहा था
Post: "मैनें ब्लॉगर से अपने...Blog: उसने कहा था<br />Post: "मैनें ब्लॉगर से अपने दस ब्लॉग मिटा दिये हैं, साँझे ब्लॉगों से अपनी सदस्यता समाप्त कर दी है नमस्ते गूगल"<br /><br />Posted by प्रदीप वर्मा at 8:00 PM 4 comments.<br /><br />---<br /><br />प्रदीप जी, आपने यह ब्लॉग व्यक्तिगत आलोचना के लिए बनाया है.. जो की तर्कसंगत नहीं है...<br />अधिकाँश विचार और पोस्ट सामयिक होते हैं.. उनका अर्थ सिद्ध हो जाने के बाद कोई ख़ास महत्व नहीं रह जाता है... मुर्दा पीटने से अच्छा है... आप नयी जानकारियाँ दे... किस किस की पोल खोलेंगे आप...<br /><br />वैसे भी ऐसा करके आप उनका प्रचार ही कर रहे हैं...<br /><br />(इस ब्लॉग पर शायद यह मेरी पहली और आखरी टिप्पणी होगी.. आप चाहे तो प्रकाशित करे..)Sulabh Jaiswal "सुलभ"https://www.blogger.com/profile/11845899435736520995noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-218153659820469932.post-11787730178594261232010-01-17T12:18:01.570+05:302010-01-17T12:18:01.570+05:30पहले तो आप मेरा प्रणाम स्वीकारें.
अब. आज की तारी...पहले तो आप मेरा प्रणाम स्वीकारें. <br /><br />अब. आज की तारीख तक मैं ऑर्कूट का उपयोग नहीं कर रहा हूँ. वहाँ से मैने अपनी प्रोफाइल मिटा दी थी. अगर आपको कुछ दिख रहा है तो यह गूगर की समस्या है. वो अपनी जाने. <br /><br />मैं पिकासा का उपयोग नहीं कर रहा. <br /><br />मेरे अधिकतम मेल अब याहू से आते जाते है. <br /><br />मेरे निजी बहिस्कार के दो-तीन दिन बाद ही गूगल ने माफी माँगी थी, जो सभी अखबारों में छपी थी. काश अधिकाधिक लोग मेरा साथ देते तो इस बात का और भी जोरदार असर होता. <br /><br />आपने सही कहा जीमेल आइडी से टिप्पणी कर रहा हूँ, अगर गूगल ने माफी नहीं माँगी होती तो वह भी नहीं कर रहा होता. आप लोग ब्लॉगर से हट जाएं इसकी जरूरत ही नहीं रहेगी. <br /><br />ब्लॉगर के समूह ब्लॉग में मुझे सदस्य दिखाया जा रहा है इसमें मैं क्या करूँ, क्या मेरी पोस्ट उस तारिख के बाद आपने देखी है?संजय बेंगाणीhttps://www.blogger.com/profile/07302297507492945366noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-218153659820469932.post-31915492602844461242010-01-17T10:31:14.553+05:302010-01-17T10:31:14.553+05:30क्या कह रहे हैं आप? संजय भैया ऐसा झूठ बोल सकते हैं...क्या कह रहे हैं आप? संजय भैया ऐसा झूठ बोल सकते हैं? इतना बड़े हाइपोक्रेट हो सकते हैं? बिलकुल नहीं. येह तो एक महा-सत्तवादी ब्लोगर हैं. सारी दुनिया को सच्चाई का पाठ पढ़ाते नहीं थकते और यह झूठ बोलेंगे? असंभव.<br /><br />हमें आपको तो यह मान लेना चाहिये कि संजय भैया ने गूगल द्वारा बनाया गया 'ब्लोगस्पोट' ही देखना छोड़ दिया है. ये तो कोई और आदमी है जो उनका नाम धर कर उल्लू बना रहा है.<br /><br />संजय भैया को गुहार है कि आयें और इस झूठे को पकड़ायें.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-218153659820469932.post-83823639448817370452010-01-17T00:05:48.726+05:302010-01-17T00:05:48.726+05:30साँझे ब्लॉगों से अपनी सदस्यता समाप्त कर दी है???
त...साँझे ब्लॉगों से अपनी सदस्यता समाप्त कर दी है???<br />तो फिर अनूप शुक्ल वाले चिट्ठाचर्चा पर यह संजय बेंगाणी कौन है???<br />http://www.blogger.com/profile/07302297507492945366<br /><br />गूगल का विरोध उसकी समस्त सेवाओं का त्याग???<br />तो फिर यह क्या है???<br />http://www.google.com/profiles/sanjaybengani?hl=en<br /><br />जीमेल की आईडी sanjaybengani@gmail.com से ही लॉगिन कर आज 16 जनवरी को टिप्पणी करने वाला यह संजय बेंगाणी कौन है??? <br />http://sureshchiplunkar.blogspot.com/2010/01/blog-post_15.html?showComment=<br />1263617446174#c8391796425700347720Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-218153659820469932.post-18611901592961816502010-01-16T20:31:26.804+05:302010-01-16T20:31:26.804+05:30मैंने ऎसा बहुत पहले ही कर दिया है,
अपने 5 ब्लॉग मे...<i><br />मैंने ऎसा बहुत पहले ही कर दिया है,<br />अपने 5 ब्लॉग में वेबलॉग पर अब सेल्फ़-होस्टेड http://amar4hindi.com पर है, जो कि एक मित्र-समूह आयोजन है । <br />और शेष निजी 4 ब्लॉग सेल्फ़-होस्टेड http://amarhindi.com पर हैं ।<br />खैरात मे मिली बछिया के दाँत गिनने से बेहतर कि उससे तौबा कर लें । गूगल कुछ मुफ़्त में नहीं दे रहा, ब्लॉगर की ट्रैफ़िक का अपरोक्ष लाभ की बारीकियाँ अँधों के भी आँख खोलने को काफ़ी हैं । विज़ेट बनाने वालों को उपर्युक्त प्लेटफार्म देने के बदले, गोपनीय जानकारियों को साझा करना, व ब्रॉउज़िंग हैबिट्स के विश्लेषण से मिलने वाला लाभ तो अलग की बात है । एक और भी ब्लॉगर को समान सोच का देख सँतोष हो रहा है, बेंगाणी जी बधाई के पात्र हैं ।<br /></i>Anonymousnoreply@blogger.com